4. बचत बढ़ाएँ :

(अ). अनावश्यक खर्चों पर लगाम लगाएँ: अपने विभिन्न मद में होने वाले खर्चों का हिसाब-किताब रखें एवं समय पर रिव्यू करें कि किस मद में खर्चों में कमी की जा सकती है।

(ब). लोन के भार को कम करें: हमें अपने ऐसे लोन जो हमारी नेटवर्थ को बढ़ाने में सहायक नहीं है, उन्हें तुरंत चुकाने की योजना बना लेना चाहिए। साथ ही हमें इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि किस प्रकार हम ब्याज के भार को कम कर सकते हैं।

(स). टैक्स प्लानिंग केवल टैक्स बचत तक ही सीमित न रखें: अधिकांश व्यक्ति जल्दबाजी में टैक्स बचत के लिए अंतिम समय में बिना अधिक विचार किए कहीं भी निवेश कर देते हैं, जिसमें टैक्स बचत तो हो जाती है, परंतु भविष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति सही ढंग से नहीं हो पाती है। अत: हमें वर्ष के प्रारंभ मंए ही टैक्स प्लानिंग करके उचित साधनों में निवेश प्रारंभ कर देना चाहिए।

जल्दबाजी में टैक्स बचत के लिए अंतिम समय में बिना अधिक विचार किए कहीं भी निवेश कर देते हैं, जिसमें टैक्स बचत तो हो जाती है, परंतु भविष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति सही ढंग से नहीं हो पाती है।